Jharkhand GS सामान्य भूगोल One Liner GK

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✳️झारखण्ड उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।

✳️झारखण्ड राज्य का अक्षाशीय विस्तार 21°58'10" उत्तरी अक्षांश से 25°18' उत्तरी अक्षाश के मध्य है।

✳️झारखण्ड राज्य का देशांतरीय विस्तार 83°19'50" पूर्वी देशांतर से 87°57' पूर्वी देशांतर के मध्य है।

✳️झारखण्ड की उत्तर से दक्षिण तक लंबाई 380 किमी है।

✳️झारखण्ड की पूर्व से पश्चिम तक 463 किमी चौड़ाई है।

✳️झारखण्ड का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किमी है।

✳️झारखण्ड का ग्रामीण क्षेत्रफल 77.922 वर्ग किमी है।

✳️झारखण्ड का नगरीय क्षेत्रफल 1.792 वर्ग किमी है।

✳️झारखण्ड का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.42 है।

✳️क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का भारत में 16वां स्थान है।

✳️बिहार के 46 भू-भाग को पृथक कर अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण किया गया।

✳️क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे बड़ा प्रमण्डल उत्तरी छोटानागपुर है।

✳️क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे छोटा प्रमण्डल पलामू है।

✳️क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे बड़ा जिला प. सिंहभूम है।

✳️क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे छोटा जिला रामगढ़ है।

✳️झारखण्ड की आकृति चतुर्भुजाकार है।

✳️झारखण्ड राज्य की भौगोलिक सीमाएं उत्तर में बिहार, दक्षिण में उड़ीसा, पूर्व में पश्चिम बंगाल तथा पश्चिम में छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश स्थित है।

✳️झारखण्ड भारत के कुल 5 राज्यों को स्पर्श करता है।

✳️झारखण्ड की सबसे लंबी सीमा रेखा बिहार राज्य के साथ लगी हुई है। झारखण्ड की कुल 10 जिले बिहार की सीमा को स्पर्श करती है।

✳️कोडरमा बिहार के नवादा जिले को स्पर्श करता है।

✳️झारखण्ड का एक मात्र गढ़वा जिला उत्तर प्रदेश को स्पर्श करता है।

✳️झारखण्ड की कुल 4 जिले छत्तीसगढ़ की सीमा को स्पर्श करती है।

✳️गढ़वा, लातेहार, गुमला-सिमडेगा जिला छत्तीसगढ़ को स्पर्श करता है।

✳️झारखण्ड के 4 जिले उड़ीसा की सीमा को स्पर्श करती है।

✳️झारखण्ड की कुल 10 जिले पश्चिम बंगाल की सीमा को स्पर्श करती है।

✳️झारखण्ड का पूर्वी सिंहभूम जिला पश्चिम बंगाल को स्पर्श करता है।

✳️झारखण्ड राज्य अपनी दक्षिणी सीमा उड़ीसा राज्य के साथ बाँटता है। 

✳️छोटानागपुर का पठार प्रायद्वीपीय पठार का भाग है।

✳️छोटानागपुर पठार की रचना लावा चट्टान से हुई है।

✳️छोटानागपुर का पठार राज्य के कुल भू-भाग का 478 प्रतिशत है।

✳️छोटानागपुर के वर्तमान घरातल का निर्माण ग्रेनाइट एवं नीस चट्टान से हुआ है।

✳️छोटानागपुर पठार एक सम्प्राय भूमि है।

✳️छोटानागपुर का पठार "खनिजों का गोदाम घर के नाम से जाना जाता है।

✳️झारखण्ड का सबसे ऊँचा भू-भाग पाट क्षेत्र (पारसनाथ पहाड़ी को छोड़कर) है। 

✳️झारखण्ड का सर्वोच्च शिखर पारसनाथ है, समुद्रतल से ऊँचाई 1365 मीटर है।

✳️यह गिरिडीह जिला में अवस्थित है।

✳️झारखण्ड में सर्वाधिक आर्कियन शैल समूह पाया जाता है।

✳️झारखण्ड की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है।

✳️झारखण्ड में मानसून का प्रवेश प्राय 10 जून को होता है।

✳️झारखण्ड में वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होता है।

✳️झारखण्ड में मानसून मध्य अक्टूबर में लौटता है।

✳️झारखण्ड में औसत वार्षिक वर्षा 140 सेमी होती है।

✳️झारखण्ड में सर्वाधिक गर्मी जमशेदपुर में पड़ती है।

✳️झारखण्ड के नेतरहाट पठार क्षेत्र में सर्वाधिक औसत वर्षा होती है।

✳️झारखण्ड का औसत वार्षिक तापमान 25° सेल्सियस है।

✳️झारखण्ड को सबसे बड़ी व लंबी नदी दामोदर है।

✳️झारखण्ड में दामोदर नदी की लंबाई 290 किमी है।

✳️दामोदर नदी टोरी (लातेहार) से निकलती है।

✳️दामोदर नदी बंगाल का शोक के नाम से जानी जाती थी। 192 to

✳️झारखण्ड की सर्वाधिक प्रदूषित नदी दामोदर नदी है।

✳️दामोदर नदी को देव नदी के नाम से भी जाना जाता है।

✳️बराकर, बोकारो, कोनार एवं भेड़ा दामोदर नदी की सहायक नदियाँ है।

✳️बराकर नदी दामोदर की सहायक नदी है।

✳️धनबाद एवं गिरिडीह दामोदर नदी के तट पर बसा हुआ है।

✳️स्वर्ण रेखा झारखण्ड की एकमात्र नदी है जो स्वतंत्र रूप से बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

✳️स्वर्ण रेखा नदी नगड़ी (रांची) से निकलती है।

✳️झारखण्ड की स्वर्णरेखा नदी के रेत में सोना पाया जाता है।

✳️जुमार, रारू, कांची, खरकाई एवं संजय स्वर्णरेखा की सहायक नदियां है।

✳️सोन नदी अमरकंटक की पहाड़ी से निकलती है।

✳️सोन नदी झारखण्ड के गढ़वा जिले में सर्वप्रथम प्रवेश करती है।

✳️उत्तरी कोयल सोन की सहायक नदी है।

✳️उत्तरी कोयल नदी पिस्का (रांची) से निकलती है।

✳️औरंगा एवं अमानत उत्तरी कोयल की सहायक नदी है।

✳️औरंगा नदी राची जिले से निकलती है।

✳️अमानत नदी हजारीबाग से निकलती है।

✳️दक्षिणी कोयल नदी नगड़ी (रांची) से निकलती है।

✳️दक्षिणी कोयल की सबसे बड़ी सहायक नदी कारो है।

✳️शेख एवं दक्षिणी कोयल नदी उड़ीसा में एक-दूसरे से मिलती है।

✳️मोर / मयूराक्षी नदी का उद्गम स्थल तिउड़ पहाड़ी (देवघर) है।

✳️गुमानी नदी राजमहल की पहाड़ी से निकलती है।

✳️गुमानी की सहायक नदी मैरल है।

✳️ब्राह्मणी नदी दुधवा पहाड़ी (दुमका) से निकलती है।

✳️गुमरो एवं ऐरा ब्राह्मणी की सहायक नदी है।

✳️अजय नदी मुंगेर (बिहार) से निकलती है। पथरो एवं जयंती अजय की सहायक नदी है।

✳️गंगा नदी झारखण्ड के साहेबगंज जिले से होकर गुजरती है।

✳️भारत की प्रथम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी परियोजना है।

✳️दामोदर घाटी परियोजना की रूप-रेखा अमेरिका की टेनेसी घाटी योजना के आधार पर तैयार की गयी है। इसकी स्थापना 1948 ई. में की गयी थी। इस पर कुल 8 बाँध एवं 3 तापीय विद्युत केंद्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया था।

✳️दामोदर नदी पर स्वतंत्र भारत की प्रथम जल विद्युत योजना बनायी गयी।

✳️दामोदर घाटी परियोजना झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल राज्य की संयुक्त परियोजना है।

✳️बराकर नदी पर बना बाल पहाड़ी बांध झारखण्ड के गिरिडीह जिले में अवस्थित है।

✳️वर्मा एवं अय्यर बांध दामोदर नदी पर है ?

✳️बोकारो तापीय विद्युत गृह, चन्द्रपुरा तापीय विद्युत गृह एवं दुर्गापुर तापीय विद्युत गृह दामोदर घाटी परियोजना में सम्मिलित है।

✳️स्वर्णरेखा परियोजना बहुउद्देशीय परियोजना है। यह 3 राज्यों झारखण्ड, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा से सबंध है। इसका शुरूआत पांचवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान हुई। चांडिल डैम तथा डिमना डैम भी स्वर्णरेखा नदी पर स्थित है।

✳️मयूराक्षी परियोजना का विस्तार झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल राज्यों में है। इस पर दुमका जिले में मसानजोर / कनाडा डैम निर्मित है।

✳️झारखण्ड में विद्युत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत तापीय विद्युत है।

✳️पतरातू थर्मल विद्युत शक्ति गृह रामगढ़ यू.एस.एस.आर. की तकनीकी सहायता से बना है।

✳️मैथन जल विद्युत परियोजना धनबाद जिले में स्थित है।

✳️तिलैया जल विद्युत परियोजना कोडरमा जिले में स्थित है।

✳️पंचेत जल विद्युत परियोजना दामोदर नदी पर अवस्थित है।

✳️दामोदर नदी पर स्वतंत्र भारत की प्रथम जल विद्युत योजना बनाई गयी।

✳️झारखण्ड का सबसे ऊँचा जलप्रपात बुढा घाघ (लातेहार, 450 फीट) है।

✳️बुढ़ा बाघ जलप्रपात को लोधा घाट के नाम से भी जाना जाता है।

✳️झारखण्ड का द्वितीय सबसे ऊँचा जलप्रपात हुंडरू (स्वर्ण रेखा, 243 फीट) है।

✳️दशम जलप्रपात राँची जिले में स्थित है।

✳️गौतमधारा जलप्रपात रादू नदी पर स्थित है।

✳️हिरणी जलप्रपात पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है।

✳️गौतमधाध जलप्रपात लातेहार जिले में स्थित है।

✳️रजरप्पा जलप्रपात रामगढ़ जिले में स्थित है।

✳️रजरप्पा जलप्रपात दामोदर भेडा नदी के संगम पर है।

✳️पंचघाघ जलप्रपात खूँटी जिले में स्थित है।

✳️नागफनी जलप्रपात गुमला जिले में स्थित है।

✳️झारखण्ड का सर्वाधिक गर्म जल कुंड सूर्यकुंड (हजारीबाग) है।

✳️झारखण्ड में सर्वाधिक मात्रा में लाल मिटटी पायी जाती है।

✳️झारखण्ड में अभ्रक मूल की लाल मिट्टी हजारीबाग एवं कोडरमा क्षेत्रों में पायी जाती है।

✳️झारखण्ड में काली मिट्टी राजमहल ट्रैप में पायी जाती है। काली मिट्टी बैसाल्ट शैलों से बनती है।

✳️पलामू में पीली मिट्टी ज्यादा पायी जाती है।

✳️झारखण्ड में लैटेराइट मिट्टी के मुख्य क्षेत्र पाट क्षेत्र, राजमहल क्षेत्र, व पूर्वी सिंहभूम है।

✳️झारखण्ड में जलोढ़ मिट्टी का विकास मुख्य रूप से साहेबगंज व पाकुड़ क्षेत्र में हुई है।

✳️झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है।

✳️झारखण्ड की 38 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है।

✳️झारखण्ड की 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है।

✳️झारखण्ड में खरीफ, रबी, जायद फसलें उगाई जाती है।

✳️झारखण्ड में वर्तमान में खाद्यान्न उत्पादन 22 लाख मीट्रिक टन है।

✳️झारखण्ड की मुख्य फसल धान है।

✳️झारखण्ड में सर्वाधिक क्षेत्र पर धान की फसल बोयी जाती है।

✳️झारखण्ड में धान उत्पादन क्षमता 1.930 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।

✳️झारखण्ड में धान का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र पश्चिमी सिंहभूम है।

✳️उत्पादकता की दृष्टि से झारखण्ड की दूसरी प्रमुख फसल मक्का है।

✳️झारखण्ड में मक्का का सर्वाधिक उत्पादन पलामू में होता है।

✳️झारखण्ड में गेहूँ, दलहन तथा जी का सर्वाधिक उत्पादन पलामू में होता है।

✳️झारखण्ड में ज्वार तथा बाजरा मुख्य उत्पादक जिला हजारीबाग है।

✳️आलू के उत्पादन में झारखण्ड का हजारीबाग जिला अग्रणी है।

✳️झारखण्ड के कुल जल संसाधन का 827 प्रतिशत भाग सतही जल से संबंधित है।

✳️झारखण्ड के कुल जल संसाधन का 17.3 प्रतिशत भाग भूमिगत जल से संबंधित है।

✳️झारखण्ड में 11 प्रतिशत कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त है।

✳️झारखण्ड में सिंचाई का प्रमुख साधन कुओं है। 29.5 प्रतिशत भाग पर कुओं द्वारा सिंचाई की जाती है। गुमला जिले में कुओं द्वारा सर्वाधिक सिंचाई की जाती है।

✳️झारखण्ड के कुल सिंचित क्षेत्र के 188 प्रतिशत भाग पर तालाब द्वारा सिचाई की जाती है। देवघर जिले में तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई की जाती है।

✳️झारखण्ड के कुल सिंचित क्षेत्र के 17.13 प्रतिशत भाग पर नहर द्वारा सिंचाई की जाती है। नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई झारखण्ड के सिंहभूम क्षेत्र में होता है।

✳️झारखण्ड के कुल सिंचित क्षेत्र के 8.4 प्रतिशत भाग पर नलकूपों द्वारा सींचा जाता है। नलकूप द्वारा

✳️सर्वाधिक सिंचाई झारखण्ड के लोहरदगा जिले में होता है।

✳️झारखण्ड के कुल क्षेत्रफल में वनों का प्रतिशत 29.77 प्रतिशत है।

✳️भारत के कुल वनों का लगभग 3.31 प्रतिशत हिस्सा झारखण्ड में मिलता है।

✳️झारखण्ड राज्य के वनस्पति प्रदेश में उष्ण कटिबंधीय आद्रं पतझड वन एवं उष्णकटिबंधीय शुष्क पतझड़ वन शामिल है।

✳️झारखण्ड का सबसे प्रमुख वृक्ष साल है।

✳️साल वृक्ष को पर्णपाती वनों का राजा कहा जाता है।

✳️भारत के कुल तसर उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग झारखण्ड में होता है।

✳️भारत के कुल लाह उत्पादन का 50 प्रतिशत भाग झारखण्ड में होता है।

✳️देश में लाह का सर्वाधिक उत्पादन झारखण्ड राज्य में होता है।

✳️झारखण्ड में कुल 11 वन्य प्राणी आश्रय स्थल अवस्थित है।

✳️झारखण्ड में 1 राष्ट्रीय उद्यान अवस्थित है। बेतला नेशनल पार्क लातेहार को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है। बाघ के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है।

✳️विश्व में सर्वप्रथम बाघों की गणना 1932 ई. में बेतला में करायी गयी थी।

✳️झारखण्ड का सबसे बड़ा उद्यान पलामू अभयारण्य लातेहार है।

✳️पलामू में प्रोजेक्ट टाईगर की स्थापना 1972 ई. में की गई थी।

✳️हजारीबाग अभयारण्य की स्थापना 1976 ई. में हुई थी।

✳️महुआडांड अभयारण्य लातेहार (1976) भेड़िया के लिए प्रसिद्ध है।

✳️दलमा अभयारण्य पूर्वी सिंहभूम जिले में अवस्थित है। यह हाथी के लिए प्रसिद्ध है। दलमा अभयारण्य की स्थापना 1976 ई. में हुई थी।

✳️झारखण्ड के दलमा अभयारण्य में हाथी परियोजना को शुरूआत की गयी है।

✳️तोपचांची अभयारण्य धनबाद के मध्य एक खुबसूरत झील हरी पहाडी स्थित है।

✳️लावालॉग अभयारण्य चतरा जिल में 1978 में स्थापित की गई।

✳️कोडरमा अभयारण्य की स्थापना 1985 ई. में हुई थी।

✳️पालकोट आश्रयणी गुमला जिले में 1990 ई. में स्थापित हुई।

✳️पारसनाथ अभयारण्य गिरिडीह जिले में 1981 में स्थापित हुई।

✳️उधवा झील पक्षी विहार साहेबगंज जिले में 1991 में स्थापित हुई।

✳️राजमहल जीवाश्म (फासिल) अभयारण्य साहेबगंज जिले में अवस्थित है।

✳️बिरसा भगवान जैविक उद्यान ओरमांझी (रांची) में 1994 ई. में स्थापित हुआ।

✳️बिरसा मृग बिहार कालामाटी (खूँटी) में अवस्थित है।

✳️मगरमच्छ प्रजनन केंद्र मूटा (रॉची) में अवस्थित है।

✳️जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान बोकारों में अवस्थित है।

✳️जुबली पार्क जमशेदपुर में अवस्थित है।

✳️नक्षत्र वन एवं सिद्ध-कान्हू पार्क रॉची में अवस्थित है।



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