भारतीय कला एवं संस्कृति का मध्य एशियाई क्षेत्र में प्रभाव

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भारतीय संस्कृति एक समृद्ध और प्राचीन संस्कृति है। यह संस्कृति हजारों वर्षों से विकसित हो रही है। भारतीय संस्कृति का प्रसार भारत के बाहर भी हुआ है। मध्य एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति का प्रभाव विशेष रूप से देखा जा सकता है।

प्राचीन काल में भारतीय संस्कृति का प्रसार व्यापार, धर्म और शिक्षा के माध्यम से हुआ था। व्यापार के माध्यम से भारतीय व्यापारी मध्य एशियाई क्षेत्र में जाते थे और वहां अपनी संस्कृति से परिचित कराते थे। धर्म के माध्यम से भी भारतीय संस्कृति का प्रसार हुआ। भारत में विकसित हुए बौद्ध धर्म और जैन धर्म ने मध्य एशियाई क्षेत्र में भी अपना प्रसार किया। शिक्षा के माध्यम से भी भारतीय संस्कृति का प्रसार हुआ। भारत के विश्वविद्यालयों में मध्य एशियाई क्षेत्र के छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे।


मध्य एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति का प्रभाव निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है:

  • भाषा: मध्य एशियाई क्षेत्र की कुछ भाषाओं में भारतीय भाषाओं का प्रभाव देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, उज़्बेक भाषा में कई हिंदी और संस्कृत शब्दों का प्रयोग होता है।
  • धर्म: मध्य एशियाई क्षेत्र में बौद्ध धर्म और जैन धर्म का प्रसार हुआ। इन धर्मों के मंदिर और मठ मध्य एशियाई क्षेत्र में आज भी देखे जा सकते हैं।
  • कला: मध्य एशियाई क्षेत्र में भारतीय कला का प्रभाव देखा जा सकता है। इस क्षेत्र में भारतीय शैली में बने मंदिर, मूर्तियां और चित्र देखे जा सकते हैं।
  • संस्कृति: मध्य एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के कई तत्व शामिल हो गए हैं। उदाहरण के लिए, मध्य एशियाई क्षेत्र में भारतीय संगीत और नृत्य का प्रचलन है।

भारतीय संस्कृति के मध्य एशियाई क्षेत्र में प्रसार के निम्नलिखित कारण हैं:

  • भारतीय संस्कृति की समृद्धि और प्राचीनता: भारतीय संस्कृति एक समृद्ध और प्राचीन संस्कृति है। इसमें धर्म, दर्शन, कला, साहित्य, संगीत और नृत्य के क्षेत्र में कई महान उपलब्धियां शामिल हैं। मध्य एशियाई क्षेत्र के लोगों को भारतीय संस्कृति की यह समृद्धि और प्राचीनता आकर्षित करती थी।
  • भारतीय संस्कृति की सार्वभौमिकता: भारतीय संस्कृति एक सार्वभौमिक संस्कृति है। यह सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुली है। मध्य एशियाई क्षेत्र के लोगों को भारतीय संस्कृति की यह सार्वभौमिकता पसंद आती थी।
  • भारतीय संस्कृति का शांतिपूर्ण प्रसार: भारत ने अपने सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार के लिए शक्ति के स्थान पर शांति का इस्तेमाल किया। इस कारण भारतीय संस्कृति का मध्य एशियाई क्षेत्र में स्वाभाविक रूप से प्रसार हुआ।

प्राचीन काल में भारत ने अपने सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार के लिए शक्ति के स्थान पर शांति का इस्तेमाल किया। इस कारण भारतीय संस्कृति का मध्य एशियाई क्षेत्र में गहरा प्रभाव पड़ा। भारतीय संस्कृति के प्रसार से मध्य एशियाई क्षेत्र की संस्कृति को समृद्ध होने में मदद मिली।

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