गांधार कला शैली प्राचीन भारत की एक प्रमुख कला शैली थी। यह शैली ईसा पूर्व पहली शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक फली-फूली। गांधार कला शैली पर यूनानी और रोमन प्रभावों का गहरा प्रभाव पड़ा।
यूनानी प्रभाव
गांधार कला शैली पर यूनानी प्रभाव की शुरुआत सिकंदर महान के भारत पर आक्रमण (ईसा पूर्व 326-325) के साथ हुई। सिकंदर महान के आक्रमण के बाद, यूनानियों और भारतीयों के बीच संस्कृतियों का आदान-प्रदान हुआ। इस आदान-प्रदान के परिणामस्वरूप, गांधार कला शैली में यूनानी प्रभाव दिखाई देने लगे।
गांधार कला शैली पर यूनानी प्रभाव के निम्नलिखित उदाहरण हैं:
- मानव शरीर की प्राकृतिक रूपरेखा का चित्रण: गांधार कला शैली में मानव शरीर की प्राकृतिक रूपरेखा का चित्रण यूनानी कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में मूर्तियों और चित्रों में मानव शरीर की मांसपेशियों, हड्डियों, और अन्य शारीरिक विवरणों को यथार्थवादी रूप से दर्शाया गया है।
- त्रिविमीयता का प्रयोग: गांधार कला शैली में त्रिविमीयता का प्रयोग यूनानी कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में मूर्तियों और चित्रों में वस्तुओं और व्यक्तियों को तीन आयामों में दर्शाया गया है।
- प्रतिमा-शिल्प का विकास: गांधार कला शैली में प्रतिमा-शिल्प का विकास यूनानी कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में बुद्ध और अन्य धार्मिक विषयों की मूर्तियों का निर्माण किया गया। इन मूर्तियों में यूनानी शैली के प्रभाव दिखाई देते हैं।
रोमन प्रभाव
गांधार कला शैली पर रोमन प्रभाव ईसा पूर्व पहली शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक दिखाई देता है। इस समय के दौरान, रोम और भारत के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध मजबूत हुए। इस आदान-प्रदान के परिणामस्वरूप, गांधार कला शैली में रोमन प्रभाव दिखाई देने लगे।
गांधार कला शैली पर रोमन प्रभाव के निम्नलिखित उदाहरण हैं:
- वस्त्र-विन्यास: गांधार कला शैली में वस्त्र-विन्यास रोमन कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में मूर्तियों और चित्रों में व्यक्तियों के वस्त्र यूनानी शैली के वस्त्र से अलग दिखाई देते हैं। इन वस्त्रों में रोमन शैली के प्रभाव दिखाई देते हैं।
- अलंकरण: गांधार कला शैली में अलंकरण रोमन कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में मूर्तियों और चित्रों में अलंकरणों में रोमन शैली के प्रभाव दिखाई देते हैं।
- रंगों का प्रयोग: गांधार कला शैली में रंगों का प्रयोग रोमन कला शैली से प्रभावित था। गांधार कला में मूर्तियों और चित्रों में रंगों का प्रयोग यूनानी कला शैली की तुलना में अधिक उजला और चमकीला था।
गांधार कला शैली पर यूनानी और रोमन प्रभावों ने इस शैली को एक अनूठी और विशिष्ट शैली बना दिया। इन प्रभावों के कारण, गांधार कला शैली में भारतीय और यूनानी-रोमन संस्कृतियों का मिश्रण दिखाई देता है।