आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला शैली 19वीं शताब्दी के अंत से 20वीं शताब्दी के मध्य तक विकसित हुई। इस शैली की विशेषताएँ हैं:
- भवन निर्माण में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग: आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला में इमारतों के निर्माण में आधुनिक तकनीकों, जैसे कंक्रीट, स्टील, और कांच का प्रयोग किया गया है।
- नुकीले मेहराबों का प्रयोग: आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला में नुकीले मेहराबों का प्रयोग किया गया है। ये मेहराब यूरोपीय स्थापत्य शैलियों से प्रभावित हैं।
- विविधता: आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला में विविधता दिखाई देती है। इसमें भारतीय, यूरोपीय, और अन्य शैलियों का मिश्रण दिखाई देता है।
ब्रिटिश प्रभाव
भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय स्थापत्य कला पर ब्रिटिश प्रभाव पड़ा। इस प्रभाव के कारण, आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला में नुकीले मेहराबों का प्रयोग किया जाने लगा। नुकीले मेहराब यूरोपीय स्थापत्य शैलियों, जैसे गोथिक शैली और रोमन शैली से प्रभावित हैं।
आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला के कुछ प्रमुख उदाहरणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- लाल किला, दिल्ली: लाल किला मुगल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। इसे ब्रिटिश शासन के दौरान भी उपयोग किया जाता रहा। लाल किले में नुकीले मेहराबों का प्रयोग किया गया है।
- विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता: विक्टोरिया मेमोरियल ब्रिटिश रानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था। इसमें नुकीले मेहराबों का प्रयोग किया गया है।
- राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन भारत का आधिकारिक निवास है। इसे ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था। इसमें नुकीले मेहराबों का प्रयोग किया गया है।
ब्रिटिश प्रभाव ने आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला को एक नया आयाम प्रदान किया है। नुकीले मेहराबों का प्रयोग आधुनिक भारतीय स्थापत्य कला की एक विशिष्ट विशेषता बन गई है।